झामुमो महागठबंधन की सरकार ने सुनहरे भविष्य के सपने दिखाकर झारखण्डियों की उम्मीदें तोड़ दी, उनका भरोसा और विश्वास तोड़ दिया। पिछड़ों एवं शोषितों के हितों पर झामुमो महागठबंधन की सरकार कुठाराघात कर रही है। वर्तमान सरकार में गरीब, किसानों, नौजवानों और समाज के शोषित वंचित तथा पिछड़े वर्ग के हितों की अनदेखी हो रही, उनकी आवाज दबाई जा रही है।
हेमंत सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में पिछड़ों को आरक्षण देने की बात की थी, प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरी एवं बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात भी की थी। लेकिन ये वादें सिर्फ जुमले साबित हुए। राज्य के कोने-कोने से मिल रहे फीडबैक से यही साबित हो रहा है कि वर्तमान सरकार अपने मूल दायित्वों से भटक गयी है। चुनाव से पहले इन्होंने जितने भी वादे किए, वो सभी बस मेनिफेस्टो के पन्नों तक ही सीमित रह गए।
आजसू पार्टी राज्य के युवाओं एवं झारखण्डियों का दर्द महसूस करती है। सरकार के दो वर्षों कार्यों का लेखाजोखा तैयार करने एवं राज्य की मौजूदा परिस्थितियों का आंकलन करने के पश्चात आजसू पार्टी ने झारखण्डी अस्मिता और पिछड़ों के सामाजिक न्याय के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।
भाषा एवं स्थानीय नीति को लेकर आगामी 7 मार्च को होने वाले विधानसभा घेराव से आजसू पार्टी एक नए उलगुलान की शुरुआत करेगी। आजसू पार्टी का यह मानना है कि झारखण्ड एवं झारखण्डियों को स्वर्णिम भविष्य देने के लिए झारखण्डी अस्मिता एवं सामाजिक न्याय, इन दोनों विषयों को सबसे पहले हल करना जरुरी है।
• विधायकों एवं सांसदों से मिलने का सिलसिला जारी
झारखंड सरकार द्वारा स्थानीयता, नियोजन नीति एवं क्षेत्रीय भाषा को लेकर लिए गए निर्णय से राज्य के आदिवासी-मूलवासी में व्याप्त आक्रोश के आलोक में आजसू पार्टी के प्रतिनिधियों ने आज घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, हटिया विधायक नवीन जयसवाल से मुलाकात की तथा उपर्युक्त विषय पर उनका मंतव्य जाना।