अभी नवरात्रि में मातृशक्ति की उपासना की जा रही है। इस आदिशक्ति का ही एक रूप हैं बेटियां, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और उपलब्धियों से न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि देश का भी मान बढ़ाया है। इन्होंने साबित किया कि अगर इन्हें अवसर दिया जाए, तो ये सफलता के शिखर को छू सकती हैं।
रॉयल कामनवेल्थ सोसायटी लंदन की निबंध प्रतियोगिता में आरुणि झा को पदक
रॉयल कामनवेल्थ सोसायटी लंदन की ओर से आयोजित क्वींस कॉमनवेल्थ निबंध प्रतियोगिता (क्यूसीईसी)- 2021 में रांची की आठ वर्षीय बालिका आरुणि झा ने कांस्य पदक हासिल किया। वह लॉरेटो कॉन्वेंट की तीसरी कक्षा की छात्रा है। आरुणि की यह उपलब्धि इसलिए भी असाधारण है, क्योंकि इस निबंध प्रतियोगिता में सभी राष्ट्रमंडल देशों के 25,648 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था। इसका विषय था- कोरोना काल में हमने सबसे ज्यादा किस चीज की कमी महसूस की। आरुणि ने अपने निबंध में लिखा था कि कोरोना महामारी के कठिन समय में हमने सबसे ज्यादा खुशी और मुस्कुराहट की कमी महसूस की। हिन्दुस्तान से बातचीत में आरुणि ने बताया कि वह बड़ी होकर जज बनना चाहती है, ताकि हिंसा, लैंगिक असमानता और भेदभाव की शिकार महिलाओं को न्याय दिला सके।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर रही आद्या अदिति
रांची की आद्या अदिति परिदा सायराक्यूज यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से छात्रवृत्ति प्राप्त कर कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर रही हैं। यह वही विश्वविद्यालय है, जहां के वर्तमान अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं। आद्या अदिति ने डीपीएस रांची से इसी वर्ष 99.4 प्रतिशत प्राप्तांक के साथ सीबीएससी 12वीं बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण की। वह सायराक्यूज यूनिवर्सिटी में एशियन सोसायटी की प्रतिनिधि बनाई गई हैं। इतना ही नहीं अदिति ओड़िसी की नृत्यांगना है। उसने एनसीईआरटी की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित होनेवाले कला उत्सव में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया। साथ ही, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से सीसीआरटी स्कॉलरशिप भी मिली है। आद्या ने अंतरराष्ट्रीय समारोहों में ओड़िसी की प्रस्तुति दी है।सायराक्यूज यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए अदिति ने नेक्स्ट जीनियस संस्था के माध्यम से आवेदन किया। कठिन परीक्षा से गुजरकर वह चार वर्षीय बीटेक कोर्स के लिए मेधा स्कॉलरशिप हासिल करने में सफल रही। विख्यात ओड़िसी नृत्यांगना सोनल मानसिंह के समक्ष नृत्य प्रस्तुति देकर वाहवाही बटोर चुकी है।