अरगोड़ा थाना की पुलिस ने 20 मार्च 2022 को अपार्टमेंट से गिर कर हुए राकेश रंजन (50) की संदिग्ध मौत की गुत्थी नौ माह बाद सुलझा ली है। राकेश रंजन ने आत्महत्या नहीं की थी, उनकी हत्या की गई थी। वह भी जीवन बीमा की राशि डेढ़ करोड़ रुपए हड़पने के लिए। इस मामले में आरोपी व राकेश रंजन की दूसरी पत्नी प्रीति रंजन (45) को अरगोड़ा थाना की पुलिस ने सोमवार को हवाई नगर से गिरफ्तार किया।
प्रीति रंजन को पुलिस ने कोर्ट में प्रस्तुत किया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। मृतक राकेश रंजन दवा कारोबारी थे। अरगोड़ा चौक स्थित दवा दुकान मेडिसिन प्वाइंट के संचालक थे। उस पर कोरोनाकाल के समय रेमडेसिविर नाम की दवा का कालाबाजारी का भी आरोप था, जिसकी जांच चल रही है।
प्रीति रंजन के विरुद्ध मृतक राकेश रंजन के 14 साल के नाबालिग बेटे रौनित रंजन ने 20 मार्च को अरगोड़ा थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रौनित रंजन पटना में रहता है और प्रीति रंजन का सौतेला बेटा है। प्रीति पति के साथ पुंदाग रोड स्थित अपार्टमेंट में रहती थी।
पुलिस ने जब इस मामले का अनुसंधान शुरू किया तो सबसे पहले उनके नाबालिग बेटे के मोबाइल से घटना वाले दिन की रिकार्डिंग मिली। इसमें राकेश रंजन ने मरने से कुछ ही देर पहले रात 2.22 में बेटे रौनित से बात की थी। उसने कहा था कि मुझे बचा लो। पटना ले चलो, नहीं तो ये लोग मुझे मार देंगे।
राकेश रंजन ने प्रीति को नॉमिनी बनाया था। उसकी मौत के कुछ ही दिन बाद प्रीति ने क्लेम लेने के लिए प्रोसेस शुरू कर दी थी। जब जांच के लिए इंश्योरेंस अधिकारी पुलिस के पास पूछताछ के लिए पहुंचा तो और शक बढ़ा। जांच में यह सामने आया कि प्रीति इंश्योरेंस का पैसे हड़पना चाहती थी। इसलिए अपार्टमेंट के तीन तल्ले से नीचे फेंक दिया गया।
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