उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में वेबिनार का आयोजन कर जिले के सभी दस प्रखंडो के कक्षा 9 से 12 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों के क्रियाकलापों, अनुशासन, तनाव रहित पढ़ाई-लिखाई का माहौल, कोविड नियमों के अनुपालन, कोरोना संक्रमण के संभावित तीसरी लहर के रोकथाम के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वेबिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने 700 से अधिक बच्चों से मुलाकात कर सेल्फ स्टडी, सोशल मीडिया के सार्थक उपयोग पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते आप सबों की शिक्षा स्तर को बेहतर बनाये रखने का हर संभव प्रयास किया जा रहा हैं।
इसके अलावे वेबिनार के माध्यम से बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम को लेकर स्कूलों के बंद हो जाने पर अब बच्चे सीखेंगे कैसे या अब हम बच्चों को सिखाएंगे कैसे ये महत्वपूर्ण है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण है सेल्फ स्टडी के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से अपने आप को एक्टिव रखने की आवश्यकता है। आगे उपायुक्त ने ऑनलाइन परिचर्चा के दौरान सभी को कोविड से बचाव, लक्षण, रोकथाम, इलाज, होम आइसोलेशन, चिकित्सकों द्वारा दी गई सलाह, राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी आवश्यक गाइडलाइन के अलावा प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई।
सेल्फ स्टडी के साथ पढ़ने और लिखने की आदत डालें:- उपायुक्त
बच्चों से बातचीत करते हुए उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि पोजेटिव माइंड से पढ़ाई-लिखाई के साथ उम्र के अनुसार किताबें और कहानियां पढ़ने के अलावा अपने दिनचर्या से जुड़ी डायरी लिखने का प्रयास करें, ताकि अपने बदलाव और जरूरतों को आप खुद समझ सके। वर्तमान में महत्वपूर्ण है की पढ़ाई-लिखाई के साथ अन्य मानसिक और फिजिकल चीज़ों में सक्रिय रह कर मोबाइल या वीडियो गेम खेलने के समय को कम कर सकते हैं। इसके लिए आप समय सारणी भी बना सकते हैं कि उन्हें कब और कितने समय के लिए क्या-क्या कार्य करना हैं। सेल्फ स्टडी के साथ सोशल मीडिया और इंटरनेट का सही इस्तेमाल करते हुए घर बैठे भी अपने शिक्षा स्तर को बेहतर करने का प्रयास करें, ताकि आने वाले समय मे आप आने योग्यता अनुरूप एक अच्छा मुकाम हासिल करें। दूसरी ओर खाली समय में राइटिंग स्पीड को बनाए रखने के लिए प्रैक्टिस करते रहें। इस दौरान आप पुराने पेपर सॉल्व कर सकते हैं। तमाम बुरी खबरों को दरकिनार करते हुए अच्छा सोचें। देरी को सकारात्मकता से लें, क्योंकि आपको परीक्षा के लिए दूसरों से ज्यादा वक्त मिला है। फ्यूचर प्लानिंग बेहद जरूरी है। आप खाली वक्त में अपने भविष्य के बारे में सोचें। अपना फ्यूचर टार्गेट प्लान करें। जैसे एग्जाम के बाद आपको कौन से कॉलेज में दाखिला लेना है। इसके आलावा आगे की पढ़ाई को लेकर विचार करें। दूसरी ओर वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण आप बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई के बाद दिमाग को रिलैक्स देने के लिए इंडोर गेम्स का सहारा ले सकते हैं। अपने दिन भर के रूटीन को बेहतर तरीके से प्लान करें।
कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा को समाज से खत्म करने में आप बच्चों की भूमिका महत्वपूर्ण : उपायुक्त
वेबिनार के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी बच्चें हमारे समाज के आधार स्तम्ब है। ऐसे में समाज को बेहतर दिशा के साथ लोगों को जागरूक और सतर्क करने में आप सभी की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। साथ ही वर्तमान समय में संभावित तीसरी लहर से सावधानी और सतर्कता के साथ कोविड नियमों का अनुपालन, वैक्सीनशन अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सके। अपने आसपास रह रहे लोगों के साथ अपने अभिभावकों को कोविड टीकाकरण के साथ कोविड नियमों के शत प्रतिशत अनुपालन के प्रति जागरूक करें। इसके अलावे विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उपायुक्त ने सेल्फ स्टडी पर जोड़ देने के अलावा देवघर जिला अंतर्गत घटते लिंगानुपात, महिला सशक्तीकरण, दहेज प्रथा का कारण और निवारण, बेटा व बेटियों में असमानता के प्रति जागरूक किया। इस दौरान विभिन्न कस्तुरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों, स्कूल के शिक्षकों द्वारा अपने विचार और बेटियों के बेहतरी हेतु कई सुझाव उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किए गए। इस दौरान उपायुक्त ने अपने-अपने विद्यालयों में बेहतर कर रहे छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामना व बधाई दी। साथ ही बच्चियों से बातचीत करते हुए उपायुक्त ने कहा कि समाज से बेटे-बेटियों में असमानता की सोच को बदलने की जरूरत है। आज बेटियां हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। सरकारी स्तर से बेटियों के प्रोत्साहन के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसका लाभ बेटियों को मिल भी रहा है। उन्होंने कहा कि बेटा हो या बेटी, दोनों का समान अधिकार है।
जैक बोर्ड से मैट्रिक व इंटर करने वाले बच्चों हेतु आकांक्षा योजना:- उपायुक्त
इसके अलावे वेबिनार के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री द्वारा जानकारी दी गई कि आकांक्षा योजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश स्तर पर मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि की तैयारी के लिए 40 बच्चों का चयन करती है। गरीब परिवारों के चयनित बच्चों को रांची में आवासीय कोचिंग कराई जाती है। साथ ही विशेषज्ञ द्वारा बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराई जाती हैं। इसमें नामांकन के लिए प्रतिवर्ष झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती है। परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने जैक से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा पास की हो। चयनित विद्यार्थियों में से इंजीनियरिंग और मेडिकल के विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाता है। साथ ही सरकार बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर रहने-खाने तक की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराती है।
हम सभी को अपने व्यवहार में सतर्कता और सावधानी बरतने की आवश्यकता
वेबिनार के दौरान उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री द्वारा जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सबसे कारगर टीकाकरण है। ऐसे में जिले में वैक्सीनेशन की गति को बढ़ाने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों को कोविड का टीका दिया जा रहा है। ऐसे में आप सभी बच्चे अपने स्तर से घर के बड़े, बुजुर्ग, आसपास रह रहे लोगो को जागरूक करने का प्रयास करें। सबसे महत्वपूर्ण संक्रमण के प्रसार को रोकने हेतु साफ-सफाई के साथ-साथ शारीरिक दूरी एवं फेस मास्क के इस्तेमाल को भी अनिवार्य रूप से उपयोग करते रहें। और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।