Friday, April 26, 2024
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एनटीपीसी जबरदस्ती कार्य करना बंद करें वरना झेलना होगा कड़ा विरोध-अंबा प्रसाद

विस्थापित ग्रामीणों की एक ही मांग- त्रिपक्षीय वार्ता कर जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक नहीं करने दिया जाएगा खनन कार्य

केरेडारी:- केरेडारी प्रखंड क्षेत्र के प्रस्तावित चट्टी बारियातू कोल खनन परियोजना को लेकर स्थानीय विस्थापित ग्रामीण एकजुट हो गए हैं| एनटीपीसी एवं उसकी अधीनस्थ कंपनी ऋत्विक एमआर के खिलाफ विस्थापित ग्रामीणों के द्वारा खुलकर विरोध किया जा रहा है इसी कड़ी में विस्थापित ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निवेदन किया है| विस्थापित ग्रामीणों द्वारा शिकायत प्राप्त होने पर दिन शनिवार को विधायक अंबा प्रसाद चट्टी बारियातू पहुंची एवं सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों के बीच बैठक हुई|

विस्थापित ग्रामीणों ने विधायक अंबा प्रसाद को बताया है कि चट्टी बारियातू पंचायत में एनटीपीसी द्वारा कोयला खनन कार्य प्रस्तावित है जिसका ठेका (एमडीओ)रित्विक–एएमआर को दिया गया है।परंतु कंपनी द्वारा ना तो रोजगार के मुद्दे पर कोई बात की गई है ना ही भूमि अधिग्रहण 2013 लागू करने संबंधित घोषणा किया गया है वहीं आरएनआर की पॉलिसी भी सुनिश्चित नहीं की गई और ना ही किसी भी प्रकार का ग्रामसभा या स्थानीय ग्रामीणों से सहमति ली गई है । ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 एवं वन अधिकार अधिनियम 2006 का भी अनुपालन नहीं किया जा रहा है ।साथ ही जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी भी प्रकार का त्रिपक्षीय वार्ता भी नहीं कराया गया कंपनी प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को किस प्रकार विस्थापित किया जाएगा कितना मुआवजा मिलेगा क्या रोजगार मिलेगा इस पर कोई भी अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं वही गांव के कुछ दलाल कंपनी को संरक्षण देकर वन कटाई एवं सड़क निर्माण का ठेका उठा रखे हैं। विस्थापित ग्रामीणों ने विधायक अंबा प्रसाद से उनके हक एवं अधिकारों की रक्षा तथा उचित मुआवजा, पुनर्वास एवं रोजगार से जोड़ने को लेकर विस्थापित ग्रामीणों ने निवेदन किया|

बैठक में समस्त विस्थापित ग्रामीणों ने पुरजोर तरीके से कंपनी एवं उनकी नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया| वही अंबा प्रसाद ने कहा कि जब तक एनटीपीसी कंपनी प्रबंधन ग्रामीणों की सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक खनन कार्य किसी भी कीमत पर चालू नहीं किया जाए और अगर कंपनी जबरदस्ती कार्य करना जारी रखेगी तो मजबूरन विस्थापित ग्रामीणों के द्वारा उन्हें विरोध झेलना पड़ेगा तथा ग्रामीण तंबू लगाकर धरना प्रदर्शन करने को विवश हो जाएंगे| उन्होंने कंपनी एवं उनके अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि बगैर विस्थापित ग्राम के लोगों की सहमति के किसी भी तरह का कार्य करने का प्रयास बिल्कुल भी ना किया जाए अन्यथा कंपनी के खिलाफ आक्रामक रवैया देखने को मिलेगा| बैठक के बाद अंबा प्रसाद के द्वारा विस्थापित ग्राम के सभी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया गया एवं कंपनी के नीतियों के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक कराया गया|

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